पैसिव म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? इसमें निवेश करना फायदेमंद कैसे है?

पैसिव म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? इसमें निवेश करना फायदेमंद कैसे है?
- यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो पैसिव म्यूचुअल फंड के बारे में जरुर जानते होंगे। लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों का सबसे पसंदीदा उत्पाद पैसिव फंड ही है। इसमें बाजारों में बार-बार कारोबार करने की परेशानी से मुक्ति मिलती है और यह बिना बाजार आधारित मुनाफा देता है। इसमें कम लागत के अलावा अधिक बार कारोबार के कारण ब्रोकरेज एवं टैक्स के रूप में लगने वाली लागत को भी कम करने में सहायता प्रदान करता है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि पैसिव म्यूचुअल फंड क्या होते हैं? इसमें निवेश करना फायदेमंद कैसे है?

पैसिव म्यूचुअल फंड क्या होते हैं?

पैसिव म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए निवेश करने वाले निवेशकों के लिए सबसे बेहतर उत्पाद के रूप में काफी तेजी से आगे बढ़ रहा है। जहां अपने निवेशकों को बिना बाजार आधारित लाभ प्रदान करता है। इसके साथ ही साथ इसमें ब्रोकरेज एवं टैक्स भी कम लगता है। अब हम आपको बताएंगे कि पैसिव फंड में पैसा लगाने के क्या फायदे हैं?

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पैसिव फंड में पैसा लगाने के क्या फायदे हैं?

1.  पैसिव फंड में चार्ज कम लगता है

जो निवेशक लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं उनके लिए छोटी-छोटी लागते बहुत अधिक मायने रखती हैं। किसी भी स्टॉक को चुनने के लिए कोई फंड मैनेजमेंट टीम नहीं होती है इसीलिए इसमें लागत काफी कम होता है। पैसिव फंड बेंचमार्क वाले इंडेक्स को फॉलो करते हैं। यदि अलग-अलग म्यूचुअल फंड उत्पादों की तुलना करें तो पैसिव फंड में खर्च कम लगता है। यदि निफ़्टी 50 के इंडेक्स फंड के एक्सपेंस रेशियो की बात करें तो यह 0.06% है जो कि काफी कम है। यदि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के औसत एक्सपेंस रेश्यो की बात करें तो यह 0.25% है।

2. पैसिव फंड में पारदर्शिता अधिक है

पैसिव फंड एक मानक वाला प्रोडक्ट है इसीलिए इसमें यह हमेशा स्पष्ट किया जाता है कि कौन सी संपत्ति किस इंडेक्स फंड में लगी हुई है। इसीलिए पैसिव फंड में इन्वेस्ट करना आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। 

3. पैसिव फंड में निवेश करना सरल है

किसी भी निवेशक के लिए उसके पोर्टफोलियो में सरलता की जरूरत पड़ती है। अलग-अलग फंड्स की रणनीतियां अलग-अलग परिस्थितियों में अलग-अलग प्रकार से काम करती हैं। इसीलिए यदि निवेश में सरलता हो एवं उस पर सरलता के साथ नजर रखी जा सके तो आप का निवेश करना काफी आसान हो जाता है और बेहतर रिटर्न प्राप्त करना भी आसान होता है। 

4. जोखिम कम होता है

यदि आप पैसिव फंड में निवेश करते हैं तो यह केवल बाजार संबंधित जोखिम उठाते हैं। जबकि कोई दूसरा मैनेज किया गया फंड भी फंड मैनेजर के स्टॉक के चुनने पर लगने वाली लागत के अधीन होते हैं। यदि भारत एवं अमेरिका के पैसिव फंड की तुलना करें तो अमेरिका का पैसिव फंड भारत के नजरिए से काफी कीमती है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि 1976 में वेंगार्ड ऐसेट मैनेजमेंट फर्म ने पहला पैसिव फंड लॉन्च किया था।

अमेरिका के निवेशक पैसिव फंड में निवेश करना काफी बेहतर मानते हैं। इसीलिए वर्तमान समय में अमेरिकी मुचल फंड उद्योग एसेट अंडर मैनेजमेंट में इसकी हिस्सेदारी 50% के लगभग है। अमेरिका में पैसिव फंड के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए ऐसा अनुमान लगाया जा सकता है कि भारत में भी पैसिव इन्वेस्टमेंट बेहतर तरीके से आगे बढ़ेगा।

हालांकि भारत में भी पैसिव उत्पादों की गति तेज हो चुकी है। वर्तमान समय में भारत में पैसिव फंड का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट म्यूचुअल फंड के एसेट अंडर मैनेजमेंट का 10% तक हो चुका है। साथ ही साथ पैसिव फंड एसेट अंडर मैनेजमेंट मई 2021 के अंत तक यानी पिछले 5 वर्षों में बढ़कर 13 गुना हो चुका है। इसकी कीमत 3.2 400000 करोड रुपए की हो गई है। इतना ही नहीं मई 2021 के अंत तक यह पुल म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री के लगभग 3 गुना बढ़ गया है। इसकी कीमत 33.05 लाखकरोड रुपए हो चुकी है।









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